14 नवंबर के बिग बॉस 18 के एपिसोड में तगड़े झगड़े, भावनात्मक पलों और टाइम गॉड टास्क में एक अहम मोड़ देखने को मिला। आइए जानते हैं मुख्य झलकियां:
अविनाश और दिग्विजय का झगड़ा हदें पार कर गया
टाइम गॉड टास्क के दौरान, अविनाश मिश्रा और दिग्विजय राठी के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि अविनाश ने दिग्विजय को धक्का दे दिया, जिससे वह गिर पड़े। दोनों ने एक-दूसरे को गालियां दीं और धमकियां भी दीं।
जब विवियन डिसेना ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की, तब भी दोनों नहीं रुके। झगड़ा इतना बढ़ गया कि इसमें दोनों ने एक-दूसरे के परिवारों को भी घसीट लिया। विवियन ने चेतावनी दी कि ऐसा व्यवहार उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकता है, लेकिन दोनों अपनी जगह अड़े रहे।
चुम दरांग और चाहत पांडे के बीच भी गरमा-गरमी हो गई। झगड़ा तब शुरू हुआ जब चुम ने मजाक में चाहत की टोकरी से चाय के पैकेट उठाने की एक्टिंग की। बात तब बिगड़ गई जब चुम ने चाय के पैकेट छीन लिए और चाहत के चेहरे पर कॉफी फेंक दी।
करणवीर मेहरा वहीं खड़े थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। इससे चाहत आंसुओं में फूट पड़ीं और करणवीर से उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया।
रजत दलाल बने अगले टाइम गॉड
बिग बॉस ने सभी घरवालों को लिविंग एरिया में बुलाकर नए टाइम गॉड के लिए वोट करने को कहा। अधिकांश घरवालों ने शिल्पा शिरोडकर का नाम लिया, लेकिन टास्क डायरेक्टर ईशा सिंह ने रजत दलाल को विजेता घोषित किया। इस तरह रजत अगले टाइम गॉड बन गए।
चाहत पांडे ने तजिंदर बग्गा पर आरोप लगाया कि वह शिल्पा की पीठ पीछे उनकी बुराई करते हैं और सामने से उनका समर्थन करने का दिखावा करते हैं। इस पर श्रुतिका ने बग्गा का बचाव करते हुए चाहत से बहस शुरू कर दी, जिससे माहौल और गर्म हो गया।
करणवीर का भावनात्मक टूटना
एपिसोड का सबसे भावुक पल तब आया जब चुम ने करणवीर से पूछा कि उन्होंने शिल्पा का साथ क्यों नहीं दिया। करणवीर ने खुद को दोषी मानते हुए शिल्पा से माफी मांगी और फूट-फूट कर रो पड़े।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुद पर शर्म आ रही है कि वह 45 साल के होने के बावजूद सही कदम नहीं उठा सके। उन्होंने यह भी बताया कि वह अविनाश का साथ देकर दिग्विजय के खिलाफ नहीं जाना चाहते थे, इसलिए वह दूर ही रहे।
14 नवंबर का एपिसोड घर में बढ़ती दरारों और भावनाओं के उफान को दिखाता है। गरमा-गरमी और दिल से किए गए इकरार के बीच, घरवाले वफादारी, रणनीति और रिश्तों के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जैसे-जैसे मुकाबला तीव्र होता जा रहा है, घर का माहौल और भी पेचीदा होता जा रहा है।